प्रशांत किशोर ने बिहार में बीजेपी के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा खुलासा किया है, जिसका असर आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में दिखाई देगा। उन्होंने कहा है कि बिहार में बीजेपी का भविष्य अनिश्चित है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में बीजेपी के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिस पर लोग वोट दें। प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि बिहार बीजेपी मछली की तरह एक प्रभावशाली नेता की तलाश में है। उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी को छोड़कर बिहार बीजेपी के पास कोई ऐसा नेता नहीं है, जिस पर जनता भरोसा कर सके।
बीजेपी का सियासी भविष्य
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बार-बार अपनी राजनीति बदली है, और अब सभी पार्टियों को अपने रंग में रंग लिया है। पीके ने बताया कि नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों ही अपनी पोजीशन बदलते रहते हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी टिप्पणी की और कहा कि वे भी पहले नीतीश कुमार को पलटू चाचा कहते थे और अब उनके साथ हैं।
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प्रशांत किशोर ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी के पास कोई नया नेता नहीं है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता ने जो 15 सालों में नहीं किया, वह वे आकर क्या कर लेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी का कोई ऐसा नेता नहीं है जिस पर लोग भरोसा कर सकें और जिसके नेतृत्व में वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव जीत सकें।
प्रशांत किशोर का हमला
प्रशांत किशोर ने बिहार बीजेपी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी के पास कोई ऐसा जनप्रिय नेता नहीं है जो जनता के बीच जाकर विश्वास जगा सके। उन्होंने कहा कि बीजेपी को केवल वही लोग मिल रहे हैं जिनके बाप-दादा पहले से राजनीति में थे, लेकिन उनमें कोई नया और प्रभावशाली नेता नहीं है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में बीजेपी नेताओं की कमी है और उनके पास कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी की नाव को पार लगा सके। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अपनी स्थिति सुधारने के लिए नए और योग्य नेताओं की जरूरत है, लेकिन पार्टी ऐसा करने में विफल रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 30 वर्षों में बिहार के एमपी और एमएलए बनने वाले नेता केवल 1200-1500 परिवारों से आए हैं। इससे पता चलता है कि बिहार की राजनीति कुछ ही परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती है। प्रशांत किशोर ने बीजेपी की इस स्थिति पर भी तंज कसते हुए कहा कि पार्टी को अभी भी ऐसा नेता नहीं मिल रहा है जो जनता का विश्वास जीत सके।
प्रशांत किशोर ने बिहार बीजेपी को चेतावनी दी कि अगर वे अपनी स्थिति सुधारना चाहते हैं तो उन्हें नए और योग्य नेताओं को आगे लाना होगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास वर्तमान में कोई ऐसा नेता नहीं है जो जनता के बीच जाकर पार्टी के लिए वोट मांग सके। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बीजेपी इसी तरह से चलती रही, तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उनका भविष्य अनिश्चित है।
प्रशांत किशोर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बिहार में बीजेपी का नेतृत्व कमजोर है और पार्टी के पास कोई स्पष्ट रणनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को केवल नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मिलते हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर पार्टी के पास कोई प्रभावी नेता नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष जब दूसरे दल से चुनाव लड़े, तो उन्हें केवल 6,000 वोट मिले। यह दिखाता है कि पार्टी के पास कोई मजबूत स्थानीय नेतृत्व नहीं है।
प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार बीजेपी के कई नेता पहले से ही अन्य पार्टियों में मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बीजेपी की कमजोरी को दर्शाती है कि पार्टी के पास नए और युवा नेताओं की कमी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अपनी नीति और नेतृत्व में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि वे आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
पीके ने बिहार की राजनीतिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि पिछले 30 सालों में बिहार के नेता केवल कुछ ही परिवारों से आते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समय है कि बिहार की राजनीति में बदलाव आए और नए और योग्य नेताओं को आगे लाया जाए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता को भी यह समझना होगा कि केवल कुछ परिवारों को वोट देने से राज्य का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जनता को नए नेताओं को मौका देना चाहिए ताकि बिहार की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव आ सके।
अंत में, प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बिहार बीजेपी अपनी स्थिति सुधारना चाहती है, तो उन्हें न केवल नए नेताओं की तलाश करनी होगी, बल्कि पार्टी की रणनीति और नीति में भी बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी ऐसा नहीं करती, तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उनका भविष्य अधर में लटक सकता है।